Agam - Rudrashtakam | रुद्राष्टकम | Most *POWERFUL* Shiva Mantras Ever | Lyrical Video | Shiv

Agam - Rudrashtakam | रुद्राष्टकम | Most *POWERFUL* Shiva Mantras Ever | Lyrical Video | Shiv

Agam Aggarwal

4 года назад

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Комментарии:

Anshika pandey
Anshika pandey - 22.09.2023 05:25

❤❤👌👌🙏🥰

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nikki sharma
nikki sharma - 21.09.2023 09:20

Har har mahadev jay maa 🙏🙏😭😭

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Akshay Mhaske
Akshay Mhaske - 21.09.2023 07:25

🙏☘️ओम् नमः पार्वती पतये हर हर महादेव ☘️🙏

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Jeel Mehta
Jeel Mehta - 20.09.2023 06:36

Jai shri mahakal

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Mahesh Ambilpure
Mahesh Ambilpure - 19.09.2023 06:13

🚩🙏🏻जय मल्लिनाथ🙏🏻🚩
🚩🔱हर हर महादेव🔱🚩

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debopam mandal
debopam mandal - 18.09.2023 20:18

OM JAY SHIVAPARBATI NAMAH 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
JAY SRI GANESH JII🙏🙏🙏🙏🙏🙏
JAY SRI KARTIKEYA JII🙏🙏🙏🙏🙏🙏

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Sarita Sharma
Sarita Sharma - 18.09.2023 10:47

Har har mhadev 🙏🙏

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Pushpa Faliya
Pushpa Faliya - 18.09.2023 06:05

पि जे फलिया

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Rishabh Kumar Mishra
Rishabh Kumar Mishra - 15.09.2023 13:36

🔥

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Monontika
Monontika - 14.09.2023 11:57

❤❤❤❤❤❤💕💞🌸💖❤🕉️Jai Shree Mahakal Maharaj🕉️💖💕💞🌸❤❤❤❤❤

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Manish Jindal
Manish Jindal - 13.09.2023 18:00

जय श्री महाकाल

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rikta das
rikta das - 13.09.2023 15:30

Har Har Mohadev ❤ 🙏

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@panthergamingplatform6063
@panthergamingplatform6063 - 12.09.2023 16:39

Shree shivay namastubhyam

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debopam mandal
debopam mandal - 11.09.2023 20:58

OM JAY SHIVAPARBATI NAMAH 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
JAY SRI GANESH JII🙏🙏🙏🙏🙏🙏
JAY SRI HANUMAN JII🙏🙏🙏🙏🙏🙏

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music vedios
music vedios - 11.09.2023 18:48

Nothing in the Universe better than Shiva❤❤❤ Har Har Adiyogi Mahakal Mahadev🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

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glory hawk
glory hawk - 11.09.2023 07:51

There is anyone who know about this movie's name?

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Neeru Saxena
Neeru Saxena - 09.09.2023 12:08

Om namah shivaya

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Maha Sagar
Maha Sagar - 09.09.2023 05:30

HAR HAR MAHADEV

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Kamlesh Kumar
Kamlesh Kumar - 08.09.2023 19:03

Har Har Mahadev
Jay Maiya Parwati 🙏
Jay Mata Di ❤❤❤

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Tanuj Sharma
Tanuj Sharma - 08.09.2023 11:13

जय जय महादेव

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Maha Sagar
Maha Sagar - 08.09.2023 06:29

HAR HAR MAHADEV

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music vedios
music vedios - 07.09.2023 22:04

Jai Mahakal❤❤❤🙏🙏🙏

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Rishabh Kumar Mishra
Rishabh Kumar Mishra - 07.09.2023 22:04

❤️❤️❤️❤️🔱

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Crazy
Crazy - 07.09.2023 20:39

Jai shree mahakal kon is video ko 2023 me dekh raha hai comment me batao 🕉️🕉️🕉️🕉️

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Crazy
Crazy - 07.09.2023 20:38

Om namah shivaya 🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️

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Raghu Nandrajog
Raghu Nandrajog - 07.09.2023 18:43

Mahadev🙏

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Rajveer
Rajveer - 06.09.2023 11:35

goosebumps lines "JARA JANMA DUKHAUGH TATAPAYAMANM PRABHO PAHI APPANMAAMISH SHAMBHU "........ WELL DONE AGAM . By The Way My Name Is Also Agam .... 😁

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Nilaben Thakar
Nilaben Thakar - 05.09.2023 12:54

Shiv tandav stotram

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debopam mandal
debopam mandal - 04.09.2023 19:54

OM JAY SHIVAPARBATI NAMAH 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
JAY SRI GANESH JII🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
JAY SRI KARTIKEYA JII🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

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Siva Shankar
Siva Shankar - 03.09.2023 14:23

How to get mp3 verson of this stotram? Pls help

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JAY PATEL
JAY PATEL - 03.09.2023 08:45

🕉

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hemant sharma
hemant sharma - 02.09.2023 07:42

Amazing....amazing....every day i listen this....

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ckant majhi
ckant majhi - 02.09.2023 03:39

Har Har Mahadev

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chandrakant gupta
chandrakant gupta - 01.09.2023 20:43

@agam_ plz share the background music if possible, my 8yrs old kid want to sing

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Sanatan se Sanskriti
Sanatan se Sanskriti - 01.09.2023 20:29

Jai bhole nath 🙏🚩🚩

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Shanker Singh
Shanker Singh - 01.09.2023 07:19

Am very very much happy dil mera bharjatha shivaji se God bless you am 71years old man thank you❤🙏🙏🙏

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Катерина Королева
Катерина Королева - 31.08.2023 12:46

Пишу прямым текстом: прикрепите пожалуйста прочтение слов. Я записывю.

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MosDeng
MosDeng - 31.08.2023 11:59

Have You Ever Experienced God?
I had once god controlled my whole body I couldn’t do anything except almighty will first I was afraid after few minutes I feel very happy god have watched me 🥹

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Dr. Parijat Das
Dr. Parijat Das - 30.08.2023 09:28

Namah Shivaya 🙏🙏🙏🌼🌼🌼🌼

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Pratap Swain
Pratap Swain - 30.08.2023 05:51

Nice

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debopam mandal
debopam mandal - 28.08.2023 20:53

OM JAY SHIVAPARBATI NAMAH 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
JAY SRI GANESH JII 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
JAY SRI KARTIKEYA JII 🙏🙏🙏🙏🙏🙏

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Shubham Saini
Shubham Saini - 28.08.2023 17:24

नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम् ।


निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम् ॥
 
निराकार मोंकार मूलं तुरीयं, गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् ।
करालं महाकाल कालं कृपालुं, गुणागार संसार पारं नतोऽहम् ॥
 
तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं, मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरम् ।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारू गंगा, लसद्भाल बालेन्दु कण्ठे भुजंगा॥
 
चलत्कुण्डलं शुभ्र नेत्रं विशालं, प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।
मृगाधीश चर्माम्बरं मुण्डमालं, प्रिय शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥
 
प्रचण्डं प्रकष्टं प्रगल्भं परेशं, अखण्डं अजं भानु कोटि प्रकाशम् ।
त्रयशूल निर्मूलनं शूल पाणिं, भजेऽहं भवानीपतिं भाव गम्यम् ॥
 
कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी, सदा सच्चिनान्द दाता पुरारी।
चिदानन्द सन्दोह मोहापहारी, प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥
 
न यावद् उमानाथ पादारविन्दं, भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।
न तावद् सुखं शांति सन्ताप नाशं, प्रसीद प्रभो सर्वं भूताधि वासं ॥
 
न जानामि योगं जपं नैव पूजा, न तोऽहम् सदा सर्वदा शम्भू तुभ्यम् ।
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं, प्रभोपाहि आपन्नामामीश शम्भो ॥
 
रूद्राष्टकं इदं प्रोक्तं विप्रेण हर्षोतये
ये पठन्ति नरा भक्तयां तेषां शंभो प्रसीदति।। 
 

॥  इति श्रीगोस्वामितुलसीदासकृतं श्रीरुद्राष्टकं सम्पूर्णम् ॥> >

हिंदी अर्थ

हे मोक्षरूप, विभु, व्यापक ब्रह्म, वेदस्वरूप ईशानदिशा के ईश्वर और सबके स्वामी शिवजी, मैं आपको नमस्कार करता हूं। निज स्वरूप में स्थित, भेद रहित, इच्छा रहित, चेतन, आकाश रूप शिवजी मैं आपको नमस्कार करता हूं।

निराकार, ओंकार के मूल, तुरीय वाणी, ज्ञान और इन्द्रियों से परे, कैलाशपति, विकराल, महाकाल के भी काल, कृपालु, गुणों के धाम, संसार से परे परमेशवर को मैं नमस्कार करता हूं।


जो हिमाचल के समान गौरवर्ण तथा गंभीर हैं, जिनके शरीर में करोड़ों कामदेवों की ज्योति एवं शोभा है, जिनके सिर पर सुंदर नदी गंगाजी विराजमान हैं, जिनके ललाट पर द्वितीया का चंद्रमा और गले में सर्प सुशोभित है।

जिनके कानों में कुंडल शोभा पा रहे हैं। सुंदर भृकुटी और विशाल नेत्र हैं, जो प्रसन्न मुख, नीलकंठ और दयालु हैं। सिंह चर्म का वस्त्र धारण किए और मुण्डमाल पहने हैं, उन सबके प्यारे और सबके नाथ श्री शंकरजी को मैं भजता हूं।

प्रचंड, श्रेष्ठ तेजस्वी, परमेश्वर, अखण्ड, अजन्मा, करोडों सूर्य के समान प्रकाश वाले, तीनों प्रकार के शूलों को निर्मूल करने वाले, हाथ में त्रिशूल धारण किए, भाव के द्वारा प्राप्त होने वाले भवानी के पति श्री शंकरजी को मैं भजता हूं।

कलाओं से परे, कल्याण स्वरूप, प्रलय करने वाले, सज्जनों को सदा आनंद देने वाले, त्रिपुरासुर के शत्रु, सच्चिदानन्दघन, मोह को हरने वाले, मन को मथ डालनेवाले हे प्रभो, प्रसन्न होइए, प्रसन्न होइए।

जब तक मनुष्य श्री पार्वतीजी के पति के चरणकमलों को नहीं भजते, तब तक उन्हें न तो इस लोक में, न ही परलोक में सुख-शांति मिलती है और अनके कष्टों का भी नाश नहीं होता है। अत: हे समस्त जीवों के हृदय में निवास करने वाले प्रभो, प्रसन्न होइए।

मैं न तो योग जानता हूं, न जप और न पूजा ही। हे शम्भो, मैं तो सदा-सर्वदा आप को ही नमस्कार करता हूं। हे प्रभो! बुढ़ापा तथा जन्म के दुख समूहों से जलते हुए मुझ दुखी की दुखों से रक्षा कीजिए। हे शंभो, मैं आपको नमस्कार करता हूं।

जो भी मनुष्य इस स्तोत्र को भक्तिपूर्वक पढ़ते हैं, उन पर भोलेनाथ विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं।

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Nil Biswas
Nil Biswas - 28.08.2023 11:53

Rom Rom mea shib bas jaye aisi vakti karo mitro ❤
Om Namah Shivay ❤🙏🚩

Ответить
Ronak Joshi
Ronak Joshi - 28.08.2023 10:52

Wonderful bhai aapka har song best he

Ответить
S.R EDITOR🔥
S.R EDITOR🔥 - 28.08.2023 08:03

Om namah shivay 🙏🏻🚩🙏🏻

Ответить
Ritik Verma
Ritik Verma - 28.08.2023 06:02

Best way to remove negativity.

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Akash Yadav
Akash Yadav - 27.08.2023 11:27

नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम् ।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम् ॥

निराकार मोंकार मूलं तुरीयं, गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् ।
करालं महाकाल कालं कृपालुं, गुणागार संसार पारं नतोऽहम् ॥

तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं, मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरम् ।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारू गंगा, लसद्भाल बालेन्दु कण्ठे भुजंगा॥

चलत्कुण्डलं शुभ्र नेत्रं विशालं, प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।
मृगाधीश चर्माम्बरं मुण्डमालं, प्रिय शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥

प्रचण्डं प्रकष्टं प्रगल्भं परेशं, अखण्डं अजं भानु कोटि प्रकाशम् ।
त्रयशूल निर्मूलनं शूल पाणिं, भजेऽहं भवानीपतिं भाव गम्यम् ॥

कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी, सदा सच्चिनान्द दाता पुरारी।
चिदानन्द सन्दोह मोहापहारी, प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥

न यावद् उमानाथ पादारविन्दं, भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।
न तावद् सुखं शांति सन्ताप नाशं, प्रसीद प्रभो सर्वं भूताधि वासं ॥

न जानामि योगं जपं नैव पूजा, न तोऽहम् सदा सर्वदा शम्भू तुभ्यम् ।
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं, प्रभोपाहि आपन्नामामीश शम्भो ॥

रूद्राष्टकं इदं प्रोक्तं विप्रेण हर्षोतये
ये पठन्ति नरा भक्तयां तेषां शंभो प्रसीदति।।


॥ इति श्रीगोस्वामितुलसीदासकृतं श्रीरुद्राष्टकं सम्पूर्णम् ॥> >

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