श्रीमती #मालतीजोशी ने अपने लेखकीय व्यक्तित्व को अपने परिवार के ऊपर, बच्चों के ऊपर लादने का, आरोपित करने का कभी भी प्रयास नहीं किया। कभी उन्होंने नहीं कहा कि शोर मत मचाओ मुझे कहानी लिखनी है, कभी उन्होंने नहीं कहा कि यह कमरा; यह दरवाजा अभी मैं बंद कर रही हूं क्योंकि मैं कुछ लिख रही हूं; क्योंकि मैं कुछ सोच रही हूं; कभी उन्होंने यह नहीं कहा कि इस वक्त में तुम्हारे लिए खाना नहीं बना सकती; जो कुछ रात का बना रखा है वह सुबह खा लो क्योंकि मुझे कहानी लिखनी है।
#maltijoshikikahaniyan